गठिया को ठीक करने का सबसे तेज तरीका क्या है?
समय के साथ हड्डीया कमजोर होणा एक आम बात हैं, लेकिन गठिया रोग को जड़ से खत्म करने का घरेलू आसान इलाज ना करना बेवकूफी हैं। हड्डीयो से जुडी कुछ समस्याये ऐसी हैं जो किसी भी उम्र के व्यक्ती को कभी भी हो सकती हैं। इसमे गठीया यानी की अर्थराइटिस को भी शामिल कर सकते हैं। गठीया होने पर जोडो में तेज दर्द होता हैं और हर वर्ष लाखो लोग इस रोग से ग्रासित होते हैं।
दरअसल इस गठीया रोग में हाथ पैर को हिलाने में भी काफी समस्या का सामना करना पडता हैं। जबकी कुछ लोगो को खुद के रोजाना के काम करने में भी परेशानी होने लगती हैं। कई लोगो के मन में Gathiya Rog Ko Jad Se Khatam Karne Ka Gharelu Aasan Ilaj क्या हैं? यह बात आती हैं। आपके इसी दर्द को देखते हुए हमने आज का यह पोस्ट लिखा हैं तो चलिए विस्तार से पढ लेते हैं।
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गठिया रोग क्यों होता है?
ज्यादातर गठीया की बिमारी बडे और बुजुर्गो में देखणे को मिलती हैं लेकिन आजकल गठीया जैसी बिमारी ने युवावो को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया हैं। अगर आपकी लाइफस्टाईल सही नहीं हैं यानी की आप सही समय पर सोते या उठते नहीं हैं या सही तरह का खाना नहीं खाते हैं। व्यायाम नहीं करते हैं तो आपको गठीया की बिमारी होने का खतरा हैं।
गठीया रोग एक ऑटो इम्यून बिमारी हैं जिसका मतलब हैं की जो इम्यून सिस्टीम आपकी रक्षा करता हैं वही आपके जॉईंट को मजबूत रखने वाले टीश्यू पर हमला करणार लगता हैं इससे जोडो में सुजन अकडन और दर्द होता हैं। अगर आपके परिवार में पहले भी किसी को गठीया हुआ हैं तो आपको ये रोग होने का चान्स और बढ जाता हैं।
गठिया रोग के लक्षण क्या हैं?
गठिया रोग के मुख्य लक्षण हैं;
1) जोड़ों में दर्द होना
यह जोडो में दर्द होना गठीया रोग का सबसे पहला लक्षण हैं। कभी कभी ज्यादा ऍक्टिव्हिटी से भी ऐसा हो सकता हैं, लेकिन अगर दर्द कुछ दिन या हफ्तों में ठीक ना हो और चलते फिरते या उठते बैठते दर्द होने लगे तो हमे किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
2) जोड़ों में सूजन होना
जोडो में सुजन होना गठीया का काफी नॉर्मल लक्षण हैं, कंधे, घुटने इत्यादी में सुजन आने लगती हैं और हफ्ते दर हफ्ते आपका दर्द बढणे लगता हैं।
3) अन्य लक्षण
गठीया रोग कई तरह की दिक्कतो को बढावा दे सकता हैं। जैसे की एनिमिया, यह अवस्था शरीर में खून की मात्रा को कम कर देती हैं।
Gathiya Rog Ko Jad Se Khatam Karne Ka Gharelu Ilaj in Hindi
गठिया रोग को जड़ से खत्म करने का घरेलू आसान इलाज अपनाकर आप गठीया के दर्द को तुरंत कम कर सकते हैं, जैसे की कुछ घरेलू उपाय हमने नीचे बतायें हैं।
1) गठीया रोग का इलाज करने के लिए मेथी के फायदे
गठीया रोग का इलाज करने के लिए मेथी के फायदे बोहत सारे हैं और इस मेथी को एंंटीइंफ्लेमेटरी और एंटी आर्थराइटिक का मुख्य स्रोत माना गया हैं। यही वजह हैं की इसे आयुर्वेद में गठीया का रामबाण इलाज भी कहा जाता हैं। वैज्ञानिको के अनुसार मेथी के दानो में पेट्रोलियम इथर एक्सट्रॅक्ट होता हैं, जिस कारण ये गठीया के चलते जोडो में आइ सुजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
2) गठीया रोग का इलाज करने के लिए हल्दी के फायदे
गठीया रोग का इलाज करने के लिए हल्दी के फायदे बोहत सारे हैं और जी हा अपने बिलकुल सही पढा हैं हल्दी गठीया के लिए एक चमत्कारी आयुर्वेदिक औषधी हैं। आप चाहे तो हल्दी को नारियल या फिर सरसो के तेल में मिलाकर प्रभावित जगह पर उस का लेप बनाकर लगा सकते हैं। ऐसा करणार से आपको धीरे धीरे होने वाले गठीया के दर्द में राहत मिलना शुरु हो जायेगा।
3) गठीया रोग का इलाज करने के लिए अरंडी का तेल के फायदे
गठीया रोग का इलाज करने के लिए अरंडी तेल के फायदे बोहत सारे हैं और अरंडी का तेल शरीर में लिम्फोसाइट को बढाने में मदद कर सकता हैं। यह एक प्रकार के टी सेल यानी श्वेत रक्त कोशिकाये होती हैं जो किसी भी तरह की बिमारी से लडणे में मदद करती हैं। यह शरीर में लगणे वाली चोटो से भी उभरणे में मदद करती हैं। साथ ही अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसीड पाया जाता हैं जो एंटीइंफ्लेमेटरी की तरह काम करता हैं। रिसिनोलिक एसीड की मौजूदगी के कारण यह गठीया के उपचार में फायदेमंद साबित हो सकता हैं।
4) गठीया रोग का इलाज करने के लिए लहसुन तेल मालिश के फायदे
गठीया रोग का इलाज करने के लिए लहसून के फायदे बोहत सारे हैं और लहसून में पाया जाने वाला डायलील डाइसल्फ़ाइड एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणो से भरपूर होता हैं। लहसून को सरसो के तेल में अच्छे से गर्म करने के बाद उस तेल को अपने जोडो पर इस्तेमाल कर सकते हैं। हल्के हाथो से आप उस जगह पर मालिश करें जहाँ पर आपको सुजन और दर्द महसूस हो रहा हैं। थोडे समय में आपको गठीया के दर्द से राहत मिलने शुरु हो जायेगी।
5) गठीया रोग का इलाज करने के लिए अदरक के फायदे
गठीया रोग का इलाज करने के लिए अदरक के फायदे बोहत सारे हैं और गठीया के दर्द से राहत पाने के लिए अदरक को भी बेहद गुणकारी माना गया हैं। आप अदरक का पेस्ट या तो अपने जोडो पर लगा सकते हैं या फिर आप अपने दिन भर के खाने में भी अदरक का सेवन कर सकते हैं। दोनो ही तरह से इस्तेमाल किए जाने पर अदरक गठीया के रोगीयो के लिए बेहद फायदेमंद साबित होती हैं।
6) गठीया रोग का इलाज करने के लिए मुलेठी के फायदे
गठीया के दर्द का घरेलू उपचार करने के लिए मुलेठी का इस्तेमाल किया जा सकता हैं। इस आयुर्वेदिक जडी बुटी में ग्लाइसिराइजिन नामक प्रमुख तत्व पाया जाता हैं जो एंटीइंफ्लेमेटरी एजेंट की तरह काम कर सकता हैं। मुलेठी का यह गुण शरीर में सुजन का कारण बनने वाले एंजाईम को खत्म कर सकता हैं। इस वजह से गठीया का दर्द कम करने के लिए आयुर्वेदिक इलाज में मुलेठी का इस्तेमाल किया जाता हैं।
7) गठीया रोग का इलाज करने के लिए गर्म पानी से सिकाई के फायदे
आप चाहे तो गरम वॉटर बॅग का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर आप एक भगोने में गर्म पानी करके किसी भी कॉटन के कपडे से जोडो की सिकाई कर सकते हैं। गठीया से आइ हुई सुजन में इस तरह से सिकाई करने से काफी मदद मिलती हैं और आपको गठीया के दर्द से आराम भी मिल जाता हैं।
8) गठीया रोग का इलाज करने के लिए अश्वगंधा के फायदे
गठीया रोग का इलाज करने के लिए अश्वगंधा के फायदे बोहत सारे हैं और इसके लिए अश्वगंधा का इस्तेमाल किया जा सकता हैं। इस आयुर्वेदिक जडी बुटी के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो सकती हैं और शरीर को ऊर्जा मिलती हैं। इसके साथ ही गठीया के दर्द और सुजन को कम कर सकता हैं। अश्वगंधा से जुडे एक शोध में इस बात को स्पष्ट रुप से माना गया हैं की गठीया के उपचार के दौरान अश्वगंधा लाभदायक हैं।
गठिया का इलाज कैसे किया जाता है? :Treatment of Gathiya Rog in Hindi
गठीया कई प्रकार का होता हैं और इसके कारणो की पहचान कर डॉक्टर उसे कम करते हैं।
1) दवा
अनेक प्रकार के गठीया में दर्द और सुजन को कम करने के लिए आमतौर पर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं, एनाल्जेसिक और रोग-संशोधित एंटीह्यूमेटिक दवा दी जाती हैं।
2) फिजिकल थेरेपी
फिजिकलं थेरेपी जोडो के कार्य को बेहतर बनाने, दर्द को कम करने और गतीशीलता को बढाने में मदद कर सकती हैं।
3) लाइफस्टाइल में बदलाव
वजन को नियंत्रित बनाये रखना, नियमित व्यायाम करणा और संतुलित आहार अपनाने से जोडो पर गठीया के प्रभाव को कम किया जा सकता हैं।
4) सर्जरी
गंभीर मामलो में, दर्द को कम करने और गतीशीलता को दोबारा ठीक करने के लिए जॉईंट रिस्पलेसमेंट जैसे सर्जिकल तरिके से इलाज किया जा सकता हैं।
गठिया के मरीज को क्या नहीं खाना चाहिए?
1) कैफीन का सेवन
बोहत ज्यादा कैफिन का सेवन करने से गठीया के मरीजो को कई गंभीर नुकसान हो सकते हैं। इसकी वजह से दर्द बढ सकता हैं और हड्डीया कमजोर हो सकती हैं।
2) ग्लूटेन वाले फूड्स
गठीया में ग्लुटेन वाले फूड्स का सेवन बहुत कम करना चाहिए। बहुत ज्यादा ग्लुटेन का सेवन करने से शरीर में सूजन बढ सकती हैं।
3) डीप फ्राई फूड से बचें
घी या तेल में डीप फ्राई किया हुआ खाना गठीया में आपकी समस्या बढा सकता हैं। पॅकेजड फूड, स्नॅक्स और चिप्स जैसे फूड न खाये तो आपके लिए अच्छा हैं। ज्यादा फ्राईड खाने से पेट में गॅस बनती हैं जो दर्द बढा सकती हैं।
4) रेड मीट
नॅशनल लायब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार रेड मीट में सैचुरेटेड फॅट्स की अधिक मात्रा मौजुद होती हैं। वही इन्हें हाई टेपरेचर पर पकाने से इनमे कई अन्य हार्मफूल कंपाउंड की मात्रा भी बढ जाती हैं। जिसकी वजह से शरीर में इन्फ्लेमेशन बढता हैं साथ ही जोडो का दर्द भी ट्रिगर हो जाता हैं।
5) मछली और अखरोट न खाएं
मछली और अखरोट दोनो में ओमेगा 3 फॅटी एसीड अधिक मात्रा में रहता है और ये आपके शरीर में युरिक एसीड की मात्रा बढा देता हैं। इससे गठीया में दर्द बढ जाता हैं इसलिए बेहतर हैं की इससे दूर रहे दुसरी और रेड मीट का सेवन ना करें।
6) नमक का कम सेवन
ऐसे लोग जो लंबे समय तक ज्यादा नमक खाते हैं उनके शरीर में वॉटर रिटेंशन की समस्या हो सकती हैं। इसकी वजह से हड्डीयो में कमजोरी होती हैं, और गठीया के मरीजो को खाने में नमक का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
गठिया रोग को जड़ से खत्म करने का घरेलू आसान इलाज पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
गठिया को ठीक करने का सबसे तेज तरीका क्या है?
गठीया को ठीक करने का सबसे तेज तरिका अदरक, मुलेठी, गर्म पानी से सिकाई और अश्वगंधा इत्यादी हैं।
क्या गठिया को जड़ से खत्म किया जा सकता है?
गठीया को जड से खत्म करने के लिए आपको अपने जीवनशैली में बदलावं लाना जरुरी हैं, इसके लिए आपको व्यायाम करने के जरुरत हैं।
गठिया रोग कितने दिन में ठीक हो सकता है?
गठीया रोग को ठीक करने के लिए एक रोगी को एक इंजेक्शन से 15 दिन से लेकरं 6 महिने तक का समय लग सकता हैं।
गठिया का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?
गठीया का आयुर्वेदिक इलाज करने के लिए आप इन योगराज गुग्गुलु, पंचकर्म, आमवातारि रस, कोट्टमचुकादि तेल, रसनादि कषायम, धन्वंतरम तेल, मुरिवेन्ना ऑयल, महानारायण तेल, अश्वगंधा और मुलेठी को शामिल कर सकते हैं।
गठिया रोग में कौन सा तेल लगाना चाहिए?
गठिया के दर्द को दूर करने के लिए धन्वंतरम तेल, मुरिवेन्ना ऑयल, महानारायण तेल, कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल किया जा सकता हैं।
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